वहदत अल-वुजूद

Last Updated August 5, 2025

  • वहदत अल-वुजूद | وحدت الوجود
  • अस्तित्व की एकता (समानार्थी)
  • अस्तित्व की एकनिष्ठता (समानार्थी)
  • वहदत शब्द अरबी अंक “1” से आया है। इसका सार होता है: समूह, एकता, एकरूपता, अकेलापन, एकमात्र (शब्द का सन्दर्भ)।
  • वुजूद अरबी मूल و-ج-د से आया है, और इसका अर्थ हो सकता है: अस्तित्व, जीवित होना, पदार्थ, जीवन, शरीर या व्यक्ति (शब्द का सन्दर्भ)।
  • यह एक गूढ़ सत्य है जिसे कई महान सूफ़ियों और औलिया ने दर्शन के रूप में समझाने का प्रयास किया है — जब कुछ नहीं था, तब अल्लाह (सुब्हानहु व तआला) थे! और चूँकि उस समय अल्लाह (स.व.त) के सिवा कुछ भी नहीं था, इसीलिए जो कुछ भी हम आज उसकी मख़लूक़ (सृष्टि) के रूप में देखते हैं, वह उसी से आया है और उसी के भीतर से निकला है। इस तर्क से, हर चीज़ के मूल तत्व अल्लाह (स.व.त) ही हैं, क्योंकि उनके अलावा उस वक़्त कोई अन्य तत्व मौजूद नहीं था।

    सरकार बाबा शाह महमूद यूसुफ़ी साहब ने समझाया कि मख़लूक़ स्वयं अल्लाह (स.व.त) नहीं है — जैसे बर्फ़ पानी नहीं होती। लेकिन जब बर्फ़ पिघलती है तो वह अपने असल यानी पानी में वापस आ जाती है। वैसे ही सृष्टि भी एक दिन अल्लाह (स.व.त) में लौट जाती है।

    मुख्य बात: मख़लूक़ अल्लाह (स.व.त) नहीं है, लेकिन उससे अलग भी नहीं है।
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