Jजान-नशीन | جَان نَشِین
किसी की जगह बैठाया गया व्यक्ति। (शाब्दिक अर्थ)
सबसे बड़ा जैविक पुत्र। (प्रचलित अर्थ)
तसव्वुफ (सूफ़ी परंपरा) के संदर्भ में, जान-नशीन वह व्यक्ति होता है जिसे उसके शेख द्वारा सूफ़ी सिलसिले की आध्यात्मिक देखरेख की ज़िम्मेदारी निभाने के लिए नियुक्त किया जाता है। यह भूमिका हर सिलसिले में उनके तरीक़ों के अनुसार भिन्न हो सकती है। एक उपयुक्त उदाहरण हज़रत अली (रज़ि.) और पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) के रिश्ते में देखा जा सकता है। चारों ख़ुलफ़ा-ए-राशिदून (रह.) को उम्मत की प्रशासनिक और राजनीतिक ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गई थीं। लेकिन हर एक के पीछे की आध्यात्मिक छाया में हज़रत अली (रज़ि.) मौजूद रहे, जो पैग़म्बर (स.अ.व.) के रूहानी वारिस थे—जहाँ ज़रूरत पड़ी, वहाँ उन्होंने अपनी बरकत और मार्गदर्शन दिया।