इजाज़त-ए-कुल | اجازتِ کل
“सर्वसमावेशी अनुमति।” (शाब्दिक अर्थ)
सूफ़ी मत में, जब एक शेख़-ए-कामिल (पूर्ण आध्यात्मिक मार्गदर्शक) अपने ख़लीफ़ा (उत्तराधिकारी) को दूसरों से बयअत (आध्यात्मिक शपथ) लेने की अनुमति देता है, तो इसे इजाज़त-ए-बयअत कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति को साहिब-ए-इजाज़त या “जिसके पास आधिकारिक अनुमति हो” कहा जाता है। (सामान्य प्रचलित अर्थ)
लेकिन यदि एक साहिब-ए-इजाज़त को उसके शेख़ द्वारा सभी कार्यों के लिए पूर्ण अनुमति प्रदान की जाए, तो इसे इजाज़त-ए-कुल कहा जाता है। (प्रासंगिक अर्थ)